जंगल के पेड़ – उजागर दुबे

हो भुला, हम तो तेरे जंगल के पेड़
रहते चुपचाप ,
हँसते चुपचाप,
बढ़ते चुपचाप,
हो भुला, हम तो तेरे जंगल के पेड़
बढ़ते चुपचाप
रहते चुपचाप
कटते चुपचाप ।

Leave a comment